ग्लोबल वार्मिंग के विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए देश के प्रयास के अनुरूप, एनएफएल भी ऊर्जा में कमी, अवशिष्ट पदार्थों और शोधित बहि-स्राव के पुन:चक्रण और ऊर्जा के नवीकरणीय और कुशल स्रोतों के उपयोग की दृष्टि से कार्बन फुटप्रिंट्स में कमी लाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। इस संबंध में, एनएफएल ने अपनी तीन ईंधन तेल आधारित संयंत्रों के फीड स्टॉक को ईंधन तेल से प्राकृतिक गैस में परिवर्तित करने के कार्य सफलतापूर्वक क्रियान्वयन कर लिया है, जो अत्यधिक ऊर्जा कुशल और पर्यावरण हितैषी ईंधन पर आधारित हैं। एनएफएल विजयपुर इकाई में ऊर्जा उपभोग में कमी लाने के लिए अनेक ऊर्जा संरक्षण योजनाएं कार्यान्वित कर रही है। विजयपुर इकाई में इन ऊर्जा संरक्षण योजनाओं के द्वारा, एनएफएल प्रतिदिन लगभग 216 Te कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन में कमी कर सकेगी। इसी प्रकार एनएफएल पानीपत और बठिंडा इकाइयों के यूरिया संयंत्रों के पुनर्निमाण द्वारा इन संयंत्रों के ऊर्जा उपभोग में कमी लाने की दिशा में भी अग्रसर है।
इसके अतिरिक्त पारिस्थितिक रूप से सतत विकास को प्रोत्साहित करने के लिए, एन एफ एल अपने नंगल, बठिंडा और पानीपत स्थित इकाइयों में ऊर्जा उत्पादन के लिए अधिक स्वच्छ ईंधन अर्थात प्राकृतिक गैस का उपयोग करके, ऊर्जा उपभोग और कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी लाने के लिए एचआरएसजी (हीट रिकवरी स्टीम जेनरेशन यूनिट्स) के साथ-साथ जीटीजी (गैस टर्बो जेनरेटर) स्थापित कर रहा है जहां वर्तमान में ऊर्जा उत्पादन के लिए कोयले का उपयोग हो रहा है। नंगल, बठिंडा और पानीपत में इन जीटीजी के चालू होने के बाद, इन तीन इकाइयों का कुल कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन लगभग 1152 Te प्रतिदिन कम हो जाएगा।
एनएफएल अनेक अन्य सतत विकास कार्यक्रम भी इसी क्रम में चला रहा है, जिसमें वनरोपण, सौर ऊर्जा का उपयोग, जल संरक्षण, सीमेंट कम्पनियों के लिए फ्लाई ऐश की बिक्री शामिल हैं। एनएफएल ने विजयपुर इकाई में उत्सर्जित गैस से कार्बन डाईऑक्साइड की रिकवरी यूनिट स्थापित की है, जिससे450 Te प्रतिदिन ग्रीन हाउस उत्सर्जन के समतुल्य कार्बन डाईऑक्साइड की रिकवरी हो रही है।
एनएफएल उन कुछ प्रथम कम्पनियों में शामिल है, जिन्होंने बाजार में वाणिज्यिक रूप से नीम लेपित यूरिया लांच किया है जो एक इको-फ्रेंडली उत्पाद है और इससे फसलों की उपज में सुधार होता है। एनएफएल में विभिन्न मंचों से समय-समय पर सभी संबंधित पक्षों से ऊर्जा संरक्षण करने और उनके अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में लागत के उपभोग में कमी करने के उपाय करने की अपील की जाती है।
कागज के उपभोग में बचत की दिशा में एक छोटे से प्रयास के रूप में, एनएफएल सभी इकाइयों और कॉरपोरेट कार्यालय में ईआरपी (एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) सोफ्टवेयर का कार्यान्वयन करने की प्रक्रिया में है। यह कागजरहित कामकाज की दिशा में एक कदम है और इससे कागज के उपभोग में उल्लेखनीय कमी आएगी। इसके अतिरिक्त, एनएफएल की सभी इकाइयों और कार्यालयों से अनुरोध किया गया है कि वे डुप्लेक्स प्रिंटरों का प्रयोग करते हुए पृष्ठ के दोनों तरफ प्रिंटिंग को प्रोत्साहित करें और यदि डुप्लेक्स प्रिंटर नहीं हों तब भी, प्रयोक्ताओं से छोटे फॉंट्स का इस्तेमाल करते हुए पृष्ठ के दोनों तरफ प्रिंटिंग की आदत डालने का अनुरोध किया गया है ताकि पूरी कम्पनी में कागज के उपभोग में कटौती की जा सके। कागज और अन्य उपभोग्य सामग्री के उपभोग में कमी लाने के लिए ई-मेल का अधिकाधिक प्रयोग करने की सलाह भी दी गई है।
कम्पनी ने अनेक पर्यावरण विकास कार्यक्रम चलाए हैं जैसे वर्षाजल संग्रहण, स्टॉप डैम, सेडीमेंटेशन टैंक के माध्यम से जल संरक्षण, और साथ ही अपने गोद लिए हुए गांवों में हजारों की संख्या में वृक्षारोपण भी किया है। कम्पनी कार्बन फुट प्रिंट्स को कम करने के लिए गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों को भी प्रोत्साहित कर रही है।
जल संरक्षण
स्टॉप डैमों का निर्माण
सामाजिक वानिकी
गैर-पारम्परिक ऊर्जा स्रोतों को प्रोत्साहित करना
हम जिस दुनिया में रह रहे हैं उसमें सुधार लाने की दिशा में प्रतिबद्ध हैं। हम सतत विकास में योगदान देने के लिए प्रयासरत हैं। कम्पनी का प्रयास समाज के समग्र विकास के लिए अपनी गतिविधियों के जरिए सकारात्मक प्रभाव लाने का है।