रसायनिक खादों के लगातार व असंतुलित प्रयोग से हमारी कृषि हेतु जमीन व वातावरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है | मिट्टी में जीवांश की मात्रा घटने से उसकी उपजाऊ शक्ति घटती जा रही है | हमारे जलाशय तथा जमीन के नीचे का पानी प्रदूषित हुआ हैं | जैविक उर्वरकों के प्रयोग से इस प्रदूषण को काफी हद तक कम किया जा सकता है |
पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए तथा रसायनिक खादों के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए वैज्ञानिकों की राय है कि खेत पर उपलब्ध सभी तरह के पदार्थ जैसे कि गोबर की खाद, रुड़ी की खाद, केचुए की खाद, हरी खाद व जैविक खाद का प्रयोग करें और रसायनिक खादों पर निर्भरता कम करें | जैविक उर्वरकों का प्रयोग रसायनिक खादों के साथ पूरक के रुप में करें |
जैविक उर्वरक लाभकारी जीवाणुओं के वह उत्पाद है जो मिट्टी व हवा से मुख्य पोषक तत्वों जैसे नाइट्रोजन व फास्फोरस का दोहन कर पौधों को उपलब्ध कराते हैं |
किसान जैविक उर्वरक - नेशनल फर्टिलाइज़र्स लिमिटेड
निम्नलिखित तीन प्रकार के जैविक उर्वरकों को उत्पादन करता है : -
किसान राईजोबियम जैविक उर्वरक मुख्य रुप से सभी दहलनी एवं तिलहनी फसलों में सहजीवी के रुप में रहकर पौधों को नाइट्रोजन की पूर्ति करता है | किसान राईजोबियम को बीजों के साथ मिश्रित करने के पश्चात बो देने पर, जीवाणु जड़ों में प्रवेश करके छोटी-छोटी गांठें बना लेते हैं | इन गांठों में जीवाणु बहुत अधिक मात्रा में रहते हुए, प्राकृतिक नाइट्रोजन को वायुमण्डल से ग्रहण करके पोषक तत्वों में परिवर्तित कर पौधों को उपलब्ध कराते हैं | पौधे की जड़ों में जितनी अधिक गाठें होती हैं, पौधा उतना ही स्वस्थ होता है | इसका उपयोग दहलनी व तिलहनी फसलों जैसे अरहर, चना, मूंग, उड़द, मटर, मसूर, सोयाबीन, मूंगफली व सेम इत्यादि में किया जाता है |
किसान एजोटोबेक्टर भूमि व जड़ों की सतह में मुक्त रुप से रहते हुए वायुमंडलीय नाइट्रोजन को पोषक तत्वों में परिवर्तित करके पौधों को उपलब्ध कराता है | किसान एजेटोबेक्टर सभी गैर दलहनी फसलों में प्रयोग किया जा सकता है |
किसान पी.एस.बी. भूमि के अंदर की अघुलनशील फास्फोरस को घुलनशील फास्फोरस में परिवर्तित कर पौधों को उपलब्ध कराता है | किसान पी.एस.बी. का उपयोग सभी फसलों में किया जा सकता है | यह फास्फोरस की कमी को पूरा करता है |
जिंक विलयक जीवाणु (जैड.एस.बी )
जैड.एस.बी मृदा में उपस्थित जिंक को पौधों को उपलब्ध कराने में मदद करता है जिससे अनाज में जिंक की गुणवत्ता बढ़ती है।
जैड.एस.बी 6.5 से 8.5 पीएच वाली विभिन्न प्रकार की मिट्टी के लिए उपयुक्त है।
जिंक ऑक्साइड, जिंक फास्फेट और जिंक कार्बोनेट जैसे विभिन्न स्रोतों के लिए जिंक को घोल देता है।
इसका उपयोग अनाज, मोटे अनाज , दालें, सब्जियां, फाइबर और तिलहन की फसलों में किया जा सकता है।
जैविक उर्वरकों के उपयोग से लाभ
जैविक उर्वरकों के प्रयोग में सांवधानियां
विभिन्न फसलों के लिए जैविक उर्वरक की मात्रा एवं प्रयोग विधि-